आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजधानी के विकास में आ रही तथाकथित रुकावटों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी योजनाओं की तुरंत किर्यान्विति के निर्देश कर दिए। गहलोत ने सरकार के सभी महकमों को साफ तौर पर समझा दिया कि अब सरकार के निर्णय की उपेक्षा को किसी भी तरह से बरदाश्त नहीं किया जाएगा।

इसकी एक बानगी शुक्रवार को जयपुर विकास प्राधिकरण के मंथन सभागार मे हुई ट्रेफिक कंट्रोल बोर्ड की 81 वी मीटिंग में भी देखने को मिली। इस बैठक में जयपुर शहर के चहुंमुखी विकास में आडे आ रही  कई बाधाओं को दूर करने के निर्णय लिए गए। 


बैठक में आला अधिकारियों ने यह निर्देश दिए कि अपने अपने क्षेत्र में स्थित   व्यावसायिक इमारतों और भूखंडों पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और जो पार्किंग स्थल में बनाए गए अवैध निर्माण हैं, उनको तुरंत प्रभाव से ध्वस्त किया जाए और इनकी सतत मॉनिटरिंग की जाए। 

इसी के तहत यह भी निर्णय लिया गया कि जयपुर शहर में पैदल चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी टूटे-फूटे फुट फुटपाथो की मरम्मत की  जाए और उसमें आड़े आ रहे अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाए जिससे कि पैदल चलने वाले यात्रियों को सुगम यातायात उपलब्ध हो सके। 

इसी के मद्देनजर बैठक में एक यह भी अहम निर्णय लिया गया कि जयपुर शहर में वाहनों की गति सीमा, उल्लंघन सहित अन्य यातायात नियमों की पालना और प्रभावी नियंत्रण के लिए आईटीएमएस परियोजना भी जल्द से जल्द लागू की जाए। अभियंताओं को यह निर्देश दिए गए कि वे सब यह उपाय करें कि पैदल चलने वाले यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो। 



बैठक में निर्णय किया गया कि केंद्रीय बस स्टैंड सिंधी कैंप पर यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए शहर की चारों दिशाओं यानी कि आगरा रोड, टोंक रोड, सीकर रोड और अजमेर रोड पर बस स्टैंड निश्चित किए जाएं। इसके लिए स्थान चिन्हित करने का निर्णय किया गया। 

इसी के तहत ट्रांसपोर्ट नगर को सीकर रोड पर शिफ्ट किए जाने की योजना में सभी मूलभूत सुविधाएं तुरंत प्रभाव से विकसित करने के निर्देश दिए गए।  जेवीवीएनएल के अधिकारियों को बिजली व्यवस्था और जेडीए से संबंधित अभियंता को रोड- सीवरेज के सहित सभी सुविधाएं विकसित करने जाने विकसित किए जाने के निर्देश दिए गए। 


यातायात पुलिस की ओर से शहर में वाहनों की संख्या में वृद्धि से हुई पार्किंग समस्या के निवारण की दिशा में ही पार्किंग की सुविधा विकसित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया।  बैठक में मैरिज हॉल- लोन और शादी समारोह के दौरान पर्याप्त पार्किंग स्थल विकसित किए जाने की दिशा में अधिकारियों की ओर से ये निश्चय किया गया मैरिज हॉल के आसपास खाली पड़े भूखंडों पर पार्किंग विकसित की जाए।  इसके साथ ही यह भी देखा जाए कि अवकाश के बाद जो भी आसपास सरकारी स्कूल या अन्य निजी स्कूल स्थित है उनकी खाली पड़ी जमीन को भी पार्किंग की दिशा में रिजर्व रखा जाए। 

बैठक में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में जयपुर शहर में लगभग 15000 ई रिक्शा को संचालित किया जा रहा है और यह 8 जून में संचालित हो रहे हैं। अब यह निर्णय लिया गया कि ई रिक्शा के चालकों के लाइसेंस जारी करने के साथ ही को रिकॉर्डिंग सिस्टम डिवेलप किया जाए जिसके तहत अब ई रिक्शा की संख्या को 15000 से बढ़ाकर 25000 की संख्या में निर्धारित किया जाएगा। 

इसके साथ ही इनके लिए पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएंगे और सभी को लाइसेंस भी जारी किए जाएंगे।  शहर में ई-रिक्शा ओं के लिए 75 चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे। बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि मेट्रो परियोजना का लाभ आम जनता को मिले।  

इसके लिए आवश्यकतानुसार एक अतिरिक्त जोन बनाया जाएगा। इसके तहत मेट्रो रूट के समानांतर सार्वजनिक बसों का रूट भी निर्धारित किया जाएगा । वर्तमान में जो टाटा मैजिक मेट्रो रूट के समानांतर संचालित हो रही है उसके भी रूट में वृद्धि की जाएगी।   



बैठक में यातायात पुलिस की ओर से चारदीवारी में ई-रिक्शा!  लो फ्लोर बस परिवहन वाहनों की पार्किंग-बरामदो के अतिक्रमण- पर्यटकों के आवागमन- रोडवेज, बस -स्टैंड, कचरा पात्र, विद्युत ट्रांसफार्मर, मालवाहक साधन और आवारा पशुओं के प्रबंध प्रस्ताव प्रस्ताव पर भी विचार विमर्श किया गया। 

जयपुर नगरीय सीमा में संचालित मिनी बसों, टेंपो मार्गों पर संचालित मैक्स के वाहन और जेसीपीएल की वाहनों के लिए नए मार्ग खोले जाने के प्रस्ताव औऱ वर्तमान में संचालित मार्गों में कटौती डायवर्जन और इनकी बढ़ोतरीके साथ ही इनके स्कोप में परिवर्तित परिवर्तन करने के प्रस्ताव को आगामी ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में पारित किए जाने का निर्णय किया गया।  

बैठक में आरटीओ में ऐसे स्थान निश्चित किए गए हैं जिनके दुर्घटना आंकड़े उपलब्ध है और जहां स्थाई अतिक्रमण संकेतों का अभाव और इंजीनियरिंग की कमी पाई गई है, इस पर सुधार कार्य किए जाने के लिए 5 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें जीडीए के अधिशासी अभियंता।  

डीटीओ और एनजीओ मुस्कान के प्रतिनिधि सहित अन्य लोग शामिल हैं। वह लोग अभी निर्धारित करेंगे कि कैसे इन प्वाइंटों पर दुर्घटनाओं में कमी की जा सके। आपको बता दें कि ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की पिछले दिनों हुई बैठक में गठित कमेटी की ओर से जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उसके तहत जयपुर शहर में सेक्टर सड़कों यानी कि कॉलोनियों के बाहर जो एंट्री गेट लगे हुए हैं। 

अब यह निर्णय किया गया है कि 60 फीट से अधिक चौड़ी सड़कों पर लगे एंट्री गेटो को हटाया जाएगा और 40 फीट से कम चौड़ाई वाली सड़कों पर लगे हुए एंट्री गेट को भविष्य में विकास समितियों की ओर से लगाए जाने वाले गेट के लिए संबंधित जोन उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी। 

इसके साथ ही गेट का संचालन योजनाओं की विकास समितियों की ओर से किया जाएग और उसमें ये निर्धारित होगा कि यह गेट रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक बंद रखे जा सकते हैं और इसके लिए हर गेट पर सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती जरूरी होगी और उसका मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाना आवश्यक होगा जिससे कि आवश्यक पड़ने पर गेट खुलवा जा सके और अपराध होने पर सहयोग लिया जा सके।