ब्यूरो रिपोर्ट
कोरोना के साये में मनाया जा गया होली और धूलंडी का त्यौहार इस बार कई अलग रंग दिखाता नजर आया। राजकाज की टीम ने उन रंगों में से कुछ चुनिंदा रंग अपने दर्शकों के लिए संजोए हैं जो अपने अलग ही अंदाज में इस बार के रंगोत्सव को बयां कर रहे हैं।
यह दृश्य हैं ऐसे लोगों के जो कोरोना महामारी की मार से या यूं कहें कि इसके घातक वार से अच्छी तरह से परिचित हैं। ऐसे हजारों परिवारों ने घर में रहकर इस त्यौहार को मनाया और भीड़भाड़ से दूर रहकर आपस में ही मस्ती के अंदाज में होली खेली।
और अब बात करते हैं होली के? उस विकृत स्वरूप की जिसने इसके मूल उद्देश्य को ही परदे के पीछे कर दिया। खुली सड़क पर हाथ में शराब का जाम और फिर एक श्वान के साथ नाच करने के सीन देखकर आपको क्या लगता है? क्या यही होली है? क्या इस त्यौहार को मनाने का मतलब, अपनी सुध बुध खो ना है, नशे में चूर होना है? शायद यह खबर देखते हुए आप सभी के दिल से यही आवाज निकलेगी कि नहीं यह सब गलत है और सही बताएं, आपके दिल की आवाज सौ फ़ीसदी सही भी है।
राजकोट न्यूज़ टीम ने होली त्योहार के अवसर पर यह नजारे आपको सिर्फ इसलिए दिखाएं हैं कि आप लापरवाह मत रहिए। कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर से हमारे सिर पर मंडरा रहा है। जरा सी चूक आपके लिए। अपने परिवार के लिए और समाज के लिए खतरनाक और घातक साबित हो सकती है।
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